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नवीनतम अपडेट का समय: 10 September 2019 10:40:13 AM |
आजा कलयुग में लेके अवतार, ओ गोविंद ॥---(२)
अपने भक्तों की, [अपने भक्तों की सुन ले पुकार ओ गोविंद ॥ ]---(२) (टेक)
1. यमुना का पानी तोसे करता सवाल हैं, तेरे बिना देख जरा कैसा बुरा हाल हैं ॥----(२)
काहे तुने तोड़ लिया प्यार ओ गोविंद ॥---(२)
अपने भक्तों की,
अपने भक्तों की सुन ले पुकार ओ गोविंद ॥---(२)
2. निकला हैं सवा मन सोना जिस कुप से, गायें बेचारी मरे चारे बिना भुख से ॥---(२)
गईयाँ को दिया धुतकार ओ मोहन, गईया को दिया धुतकार ओ गोविंद ॥
अपने भक्तों की,तेरे भक्तों की सुन ले पुकार, ओ मोहन,
अपने भक्तों की सुन ले पुकार, ओ गोविंद ॥
3. घर-घर में माखन की जगह शराब हैं, कलयुग की गोपियाँ तो बहुत ही खराब हैं ॥---(२)
धर्म तो बन गया व्यापार ओ मोहन ॥----(२)
अपने भक्तों की,
अपने भक्तों की सुन ले पुकार, ओ गोविंद ॥---(२)
4. अब किसी द्रौपदी की बचती ना लाज़ रे, बिगड़ा जमाना, भये उल्टे ही काज़ रे ॥---(२)
कंसो की बनी सरकार ओ गोविंद ॥---(२)
॥ अपने भक्तों की, ॥
॥ अपने भक्तों की सुन ले पुकार, ओ गोविंद ॥---(३)
____________________Category:Shree Krishna BhajansSubmitted ByRajकुमार देशMukhOn, 14-08-2017, MonDay. @Morning 10:00 AM (GMT+5:30)2532